Yeh Jaane Kaisa Raaz Hai

एक बात होंठों तक है जो आई नहीं
बस आँखों से है झाँकती
तुम से कभी, मुझ से कभी
कुछ लफ़्ज़ है वो माँगती

जिनको पहन के होंठों तक आ जाए वो
आवाज़ की बाँहों में बाँहें डाल के इठलाए वो
लेकिन जो ये एक बात है, अहसास ही अहसास है

खुशबू सी है जैसे हवा में तैरती
खुशबू जो बेआवाज़ है
जिसका पता तुम को भी है
जिसकी ख़बर मुझ को भी है

दुनियाँ से भी छुपता नहीं
ये जाने कैसा राज़ है



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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