Khoya Kya (From "Kashmakash")

ओ-रे, मन (ओ-रे, मन)
ओ-रे, मन (ओ-रे, मन)
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?

ख़ाली हाथ की लकीरें हैं
ख़ाली हाथ की लकीरें हैं
कुछ लिखा ही नहीं
(लिखा ही नहीं, लिखा ही नहीं)
कल जो आएगा, कल जो जा चुका
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?

ख़ाली हाथ की लकीरें हैं
कुछ लिखा ही नहीं
(लिखा ही नहीं, लिखा ही नहीं)
कल जो आएगा, कल जो जा चुका
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
बीता-बीता बीत चुका है
बीता-बीता बीत चुका है
फिर से पल-पल बीत रहा है
फिर से पल-पल बीत रहा है
खोया, पाया, खोज लिया सब
खोया, पाया, खोज लिया सब

ओ-रे, मन
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
तारे सारे रात-रात हैं
तारे सारे रात-रात हैं
दिन आए तो ख़ाली अंबर
दिन आए तो ख़ाली अंबर
आँख में सपना रह जाता है
आँख में सपना रह जाता है

ओ-रे, मन
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?
खोया क्या, जो पाया ही नहीं?

ख़ाली हाथ की लकीरें हैं
कुछ लिखा ही नहीं
ओ-रे, मन, ओ-रे, मन
ओ-रे, मन, ओ-रे, मन
ओ-रे, मन, ओ-रे, मन



Credits
Writer(s): Gulzar, Sanjoy Raja
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