Arabian Nights (2019)

हो, ये कहते हैं लोग, है खूबसूरत सा देस
जहाँ कारवाँ के हैं हुजूम
वहाँ भूरी ज़मीं, कोई ग़म ना कहीं
है सहरा एक, पर है उसकी धूल

वहाँ पूरब की चीज़ और पश्चिम के भेस
और करिश्मों की मीठी बात
जादू सा दे दिखाई, ये कालीन है हवाई
हाँ, ग़ज़ब है अरब की ये रात

गली-कूचों में खून, देखो अरबी बाज़ार
प्यार इलायची सा खुशबूदार
इत्र के ख़त पढ़ो, मोल-भाव करो
रेशमी-मख़मली बहार

धीमी सरगम चली जादू की ये गली
हैराँ करने के हैं हालात
यहाँ मस्ती-सौगात, है सितारों की बात
हाँ, ग़ज़ब है अरब की ये रात

अरब की ये रात और अरब के ये दिन
इनमें आ भी जा, आ ले-ले मज़ा
हाँ, सँभल के लेकिन
अरब की ये रात, ख़ाबों का जहाँ
रेगिस्ताँ में जल, वफ़ा का आकाल है होता वहाँ

एक सबक़ है जो जाती ग़लत या सही तक
मोहब्बत में ताक़त दिखा
अब अँधेरा खुले या उजाला रहे
देखो क़िस्मत में क्या है लिखा

(गुफ़ा की दहलीज़ वही पार कर सकता है)
(जिसमें नूर हो)
(जो कोयले की खान से निकला कोहिनूर हो)

अरब की ये रात, जैसे दिन की हो बात
क्या इसमें भला? आ देखें ज़रा, आ ले-ले मज़ा
अरब की ये रात, ये हसीं चाँदनी
मैं एक बे-अकल गया यूँ फिसल तो कहानी बनी



Credits
Writer(s): Alan Menken, Howard Elliott Ashman
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