Teri Mitti
आज पूरा देश क्रोधित है
पूरा देश आक्रोशित है, और पूरा देश गुस्से से...
जम्मू-कश्मीर के अवन्तिपोरा में
आतंकियों ने CRPF के क़ाफ़िले पर हमला किया है (—Attack in Kashmir ever)
ये हमला २०१६ में उड़ी में हुए आतंकवादी हमले से भी बड़ा है
और इसने पूरे भारत के धैर्य और सब्र...
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
(Basser Music)
ऐ, मेरी ज़मीं
अफ़सोस नही, जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे-ना-रहे
ऐ, मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
"फ़ीका ना पड़े कभी रंग तेरा"
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बन के मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा ना सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
ਹੋ, ਵਤਨਾਂ ਵੇ, ਮੇਰੇ ਵਤਨਾਂ ਵੇ
तेरा-मेरा प्यार निराला था
क़ुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बन के मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
ओ, हीर मेरी, तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
हो, माई मेरी, क्या फ़िकर तुझे?
क्यूँ आँख से दरिया बहता है?
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बन के मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरी फ़सलों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
पूरा देश आक्रोशित है, और पूरा देश गुस्से से...
जम्मू-कश्मीर के अवन्तिपोरा में
आतंकियों ने CRPF के क़ाफ़िले पर हमला किया है (—Attack in Kashmir ever)
ये हमला २०१६ में उड़ी में हुए आतंकवादी हमले से भी बड़ा है
और इसने पूरे भारत के धैर्य और सब्र...
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
(Basser Music)
ऐ, मेरी ज़मीं
अफ़सोस नही, जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे-ना-रहे
ऐ, मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
"फ़ीका ना पड़े कभी रंग तेरा"
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बन के मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा ना सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
ਹੋ, ਵਤਨਾਂ ਵੇ, ਮੇਰੇ ਵਤਨਾਂ ਵੇ
तेरा-मेरा प्यार निराला था
क़ुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बन के मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
ओ, हीर मेरी, तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
हो, माई मेरी, क्या फ़िकर तुझे?
क्यूँ आँख से दरिया बहता है?
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बन के मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरी फ़सलों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
Credits
Writer(s): Manoj Muntashir, Arkapravo Mukherjee
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