De De Jagah

तू है सुबह, तू शाम है
जीने का तू ही है नज़रिया, हो
तेरी लहर आठों पहर
मैं बूँद, तू ही मेरा दरिया

दुनिया से जुदा कर दे, ज़र्रे को खुदा कर दे
ओ, तेरे इश्क़ से मुझ को ना करना कभी तू जुदा

कि अब मेरी साँस-साँस तेरे पास है
और तेरे आसपास पहचान है अब मेरी
दिल में अपने दिल भरकर दे-दे जगह, दे-दे जगह

मेरी साँस-साँस तेरे पास है
और तेरे आसपास पहचान है
अब मेरी इतनी सी मेरे रब, तुझ से है दुआ

जीता रहा ख़ाबों में मैं, ख़ुद से ही पर दूर था
थोड़ा सा तू मजबूर था, थोड़ा मैं मजबूर था

ख़ाबों को ज़ुबाँ कर दे, नज़रों से बयाँ कर दे
तेरे इश्क़ से मुझ को ना करना कभी तू जुदा

कि अब मेरी साँस-साँस तेरे पास है
और तेरे आसपास पहचान है अब मेरी
दिल में अपने दिल भरकर दे-दे जगह, दे-दे जगह

मेरी साँस-साँस तेरे पास है
और तेरे आसपास पहचान है
अब मेरी इतनी सी मेरे रब, तुझ से है दुआ



Credits
Writer(s): Jigar Saraiya, Sachin Jaykishore Sanghvi, Kumar Vishwas
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