Bhang Ne Rang Jamaya

(भंग जमाए रंग, रंग जमाए भंग)
(भंग जमाए रंग, रंग जमाए भंग)

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया

मैं कैसा बन गया, मैं वैसा बन गए
मैं कैसा बन गया, मैं वैसा बन गए
जैसा इस दुनिया ने बनाया, हो

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया
भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया

पहले ही रगड़े में, देख तमाशा, प्यारे
पहले ही रगड़े में, देख तमाशा, प्यारे
सर पे रख के पाँव, भाग गए ग़म सारे
...भाग गए ग़म सारे

भूल गया मैं सबकुछ
अपना नाम भी याद ना आया

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया
भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया

धरती उठ गई ऊपर, अंबर गिर गया नीचे
धरती उठ गई ऊपर, अंबर गिर गया नीचे
सीधा स्वर्ग में पहुँचा, अपनी अखियाँ मीचे
...अपनी अखियाँ मीचे

मैं परियों के देश से
लेकिन वापस कैसे आया

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया
भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया

मैंने थोड़ी पीकर तीसरी आँख जो खोली
मैंने थोड़ी पीकर तीसरी आँख जो खोली
"माँग ले जो तू चाहे", ये दुनिया मुझसे बोली
...दुनिया मुझसे बोली

ठीक से मुझको याद नहीं
मैंने क्या फ़रमाया

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया
भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया

मैं कैसा बन गया, मैं वैसा बन गए
मैं कैसा बन गया, मैं वैसा बन गए
जैसा इस दुनिया ने बनाया, हो

भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया
भंग ने रंग जमाया
पीते संग समझ में आया



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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