Naino Tale

नैनों तले तेरे ही रंग है
शाम ढले तू ही तो संग है
तेरी आँच में बीते दोपहरिया
तेरे राग ही गाऊँ मैं, ओ पिया

तू ज़रिया, साँसें मैं भरूँ
बद्रा मैं, स्याह सिंदूरी है तू
गगन से गिरी गुलाबी बरखा
रुआँ-रुआँ कहे ये तू ही झलका

नैनों तले तेरे ही रंग है
शाम ढले तू ही तो संग है
नैनों तले तेरे ही रंग है
शाम ढले तू ही तो संग है

कल जो रहे, तेरे ही संग ढले
और ना माँगू कोई दुआ
संग चले, मुझमें साँसें भरे
तू धड़के है धड़कन सा यहाँ-यहाँ

सर पे यारा चढ़ रही ये यारियाँ
तुझपे आके थम गई आवरियाँ
ख्वाबों का शहर तेरे बिन जागे ना
पहना दूँ तुझे मैं लाके आसमाँ

तू ज़रिया, साँसें मैं भरूँ
बद्रा मैं, स्याह सिंदूरी है तू
गगन से गिरी गुलाबी बरखा
रुआँ-रुआँ कहे ये तू ही झलका

नैनों तले तेरे ही रंग है
शाम ढले तू ही तो संग है
नैनों तले तेरे ही रंग है
शाम ढले तू ही तो संग है



Credits
Writer(s): Shivang Mathur, Shayra Apoorva
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