Devi

ना फर्क स कपड़ा का
ना उम्र त दिख्या स
सारा फर्क सोच का स
मन्नै माँ त सिख्या स

बाबुल की लाडो त ज्यादा मोल
दहेज़ आली पेटी का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै

मैं किसनै रावण राम कहूँ
कोण आच्छा और कोण मंदा स
आकै छोटी कन्या बोली
भैया वो अंकल गन्दा स

मैं क्यूकर उसनै समझाऊ
जिसनै शौक स सलेटी का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै

रै मेरी लाडो प इतणे इल्जाम ना लाओ रै
या सारी उम्र इण जख्मा न थामती थक ज्यागी
थम अपणी नज़रा न साम्भ ल्यो दुनिया आलो
मेरी बाहण आपै ऐ ढक ज्यागी
मेरी बाहण आपै ऐ ढक ज्यागी

एक वैश्या त मन्नै पूछ लिया
क्यूँ पाप बाहण ये साम्भै थी
बोली भाई मजबूरी थी
मैं पेट ना वैश्या जामी थी

माँ बाप भी अपणावै कोन्या
बोली गिरगी तू रोगा त
मैं बेटी रोज बचाऊ सूँ
इण जुल्मी हवसी लोगा त

दुनिया ना तोड़ै फूला न
जिद्दे बाड़ बणगी खेती का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै

माँ...

कद तक बेटी न्यू तड़पेैगी
कद तक ये गोली मरैंगे
माँ ऐसा दिन कद आवैगा
जामे प थाल बजावैंगे

सब न सब कुछ माँ बेरा स
फिर भी बणगे अन्जान स रै
छानिआले तू क्यूँ बोल्लै
भाई मेरे घर म बाहण स रै

गुलज़ार सारी तू समझा दे
पाछै रोणा रह पछेती का
वा देवी माई रोवै

वा देवी माई रोवै
के यो हाल मेरी बेटी का
वा देवी माई रोवै



Credits
Writer(s): Gulzaar Chhaniwala
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