Dhadkane

क्यूँ खो रही मेरी ज़मीं?
क्यूँ खो रहा मेरा आसमाँ?
खुद में खुद को ढूँढा करूँ
ये आ गए हम कहाँ?

साज़ों के संग-संग बजती हुई
थमती हुई धड़कने
साँसों की डोर को खींचे कभी
छोड़े कभी धड़कने

क्यूँ खो रही मेरी ज़मीं?
क्यूँ खो रहा मेरा आसमाँ?

एक ख़्वाब है जो कि सोने ना दे
हमको को मायूसियों में खोने ना दे
आँसू मेरे जो की गिरवी पड़े
हमको लाचारियों में रोने ना दे

ये कौन है? जो मुझमें है ज़िंदा
उड़ता ही जाए मेरे मन का परिंदा

साज़ों के संग-संग बजती हुई
थमती हुई धड़कने
साँसों की डोर को खींचे कभी
छोड़े कभी धड़कने

क्यूँ खो रही मेरी ज़मीं?
क्यूँ खो रहा मेरा आसमाँ?



Credits
Writer(s): Dr Sagar, Vipin Patwa
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