Moh

ख़्वाबों के सिरहाने में ये बात है
दिल की आहट मैं हूँ ना मुझे याद है
तुम आए नफ़्ज़ों में ना बेहाल मैं
मिलकर सो जाएँ अब तो जब साथ हैं

मोह-मोह लायो, मोह-मोह लायो
मोह-मोह लायो रे, मोह-मोह लायो

शामों से रातें आयी जज़्बात की
तुमसे मिलने को चाहें, फ़िर ना रुके
आँखें हों नम क्यूँ? मेरी बैराग मैं
तारे गिन आएँ अब तो जब रात है

मोह-मोह लायो, मोह-मोह लायो
मोह-मोह लायो रे, मोह-मोह लायो



Credits
Writer(s): Adarsh Rao
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