Desh Ka Kisan

काली काली रात जाग निंदियाँ उड़ाके सारी
धूप छाँव छाँव धूप ज़िंदगी गुज़ारी है

मुश्किलों को मात देके मेहनतों का हाथ थामे
आफ़तों के साथ बाने फ़सलें उगाईं हैं हो

काली काली रात जाग निंदियाँ उड़ाके सारी धूप छाँव छाँव धूप ज़िंदगी गुज़ारी है

मुश्किलों को मात देके मेहनतों का हाथ थामे
आफ़तों के साथ बाने फ़सलें उगाईं हैं
आफ़तों के साथ बाने फ़सलें उगाईं हैं

मेरे देश का किसान है, मेरे देश का किसान है
मेरे देश का किसान है, किसान है किसान है
देश का किसान है

मेरे देश का किसान है, किसान है किसान है
देश का किसान है

फ़सलों के दाम देख मन मौजी काम देख
मंड़ियों में अफ़सरों ने आफ़त मचाई है

मन मौजी काम ना चलेगा तू ये जान
सरकार अच्छे अच्छों की बनाई और गिराई है हो

फ़सलों के दाम देख मन मौजी काम देख
मंड़ियों में अफ़सरों ने आफ़त मचाई है

मन मौजी काम ना चलेगा तू ये जान
सरकार अच्छे अच्छों की बनाई और गिराई है
सरकार अच्छे अच्छों की बनाई और गिराई है

मेरे देश का किसान है, मेरे देश का किसान है
मेरे देश का किसान है, किसान है किसान है
देश का किसान है

मेरे देश का किसान है, किसान है किसान है
देश का किसान है



Credits
Writer(s): Vishwajeet Singh
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