Raahi (feat. Ram Mahajan & Saransh Shukla)

फ़ासले थे, ना मिट सके
उम्मीदें थी, भूल हो गई
इन रास्तों में खोया हुआ मैं
अंजान बस्ती ये, सहमा हूँ मैं

तू राही मेरा अब राह पे अकेला
आज ਛੱਡ के ना यूँ तू जा
तू राही मेरा अब राह पे अकेला
आज ਛੱਡ के ना यूँ तू जा

अनकही बातें थी बहुत सी
करनी जो पूरी अब ठहर गई
तुझमें बसी जान ये मेरी
जो रेत सी बनके अब फिसल रही

तू राही मेरा अब राह पे अकेला
आज ਛੱਡ के ना यूँ तू जा
तू राही मेरा अब राह पे अकेला
आज ਛੱਡ के ना यूँ तू जा

अधूरी इन राहों से जाना कहीं दूर है
अधूरी इन बातों से पाना वो नूर है
वो नूर जो ख़फ़ा मुझसे कहीं दूर है

तू राही मेरा अब राह पे अकेला
आज ਛੱਡ के ना यूँ तू जा
तू राही मेरा अब राह पे अकेला



Credits
Writer(s): Adi Verma
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