Kabhi Lage Ke Yeh Saara Sach Hai

कभी लगे कि ये सारा सच है
कभी लगे कि ये सारा झूठ है
ये कैसी है ज़िंदगी?
ये कैसी है ज़िंदगी?

कभी लगे कि ये सारा सच है
कभी लगे कि ये सारा झूठ है
ये कैसी है ज़िंदगी?
ये कैसी है ज़िंदगी?

रस्ते तो हैं पर मंज़िल नहीं है
कश्ती मिली पर साहिल नहीं है
रस्ते तो हैं पर मंज़िल नहीं है
कश्ती मिली पर साहिल नहीं है

मौजों में ही जीना है, मौजों में ही मरना है
तूफ़ानों से यारी कर के

ए-हे, कभी लगे कि ये सारा सच है
कभी लगे कि ये सारा झूठ है
ये कैसी है ज़िंदगी?
ये कैसी है ज़िंदगी?

हम जी रहे है यूँ ज़िंदगी को
जैसे अँधेरा जिए रौशनी को
हम जी रहे है यूँ ज़िंदगी को
जैसे अँधेरा जिए रौशनी को

कहीं ज़ंज़ीर नहीं फिर भी बंधे हैं सब
जाने कैसी-कैसी डोर से

ए-हे, कभी लगे कि ये सारा सच है
कभी लगे कि ये सारा झूठ है
ये कैसी है ज़िंदगी?
ये कैसी है ज़िंदगी?

प्यासी-प्यासी आँखों में सपने संजोके
देखा किए किसी को दीवाने हो के
प्यासी-प्यासी आँखों में सपने संजोके
देखा किए किसी को दीवाने हो के

अपने सितारे गर्दिश में रहे है
हम कैसे इक़रार करते?

ए-हे, कभी लगे कि ये सारा सच है
कभी लगे कि ये सारा झूठ है
ये कैसी है ज़िंदगी?
ये कैसी है ज़िंदगी?
ये कैसी है ज़िंदगी?



Credits
Writer(s): Shravan Rathod, Nadeem Saifi, Pandit Vishweshwar Sharma
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