Humein Aur Jeene Ki... (Refresh Version)

हमें और जीने की चाहत ना होती
हमें और जीने की चाहत ना होती
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते
हमें और जीने की चाहत ना होती
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते

तुम्हें देख के तो लगता है ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे
तुम्हें देख के तो लगता है ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे

दिखाई ना देती अँधेरों में ज्योति
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते

हमें जो तुम्हारा सहारा ना मिलता
भँवर में ही रहते, किनारा ना मिलता
हमें जो तुम्हारा सहारा ना मिलता
भँवर में ही रहते, किनारा ना मिलता

किनारे पे भी तो लहर आ डुबोती
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते
हमें और जीने की चाहत ना होती
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Gulshan Bawra
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