Seher (From "OM - Rashtra Kavach")

इस पल में ही ज़िंदगी है, अब मुकम्मल हुआ सफ़र
दूर तक निगाहों को कुछ भी आता नहीं नज़र
रहें ना रहें मेरी आँखें, ख़्वाब तेरे रहेंगे मगर
ऊँचा रहेगा हमेशा फ़ख़्र में ये तेरा सर
और यही तो है मेरी सहर

तेरे लिए मैं मर जाऊँ तो हो जाऊँ मैं अदा
शोलों में भी उतर जाऊँ तो एहसास ना हो ज़रा
टूट के मैं बिखर जाऊँ, हो जाऊँ तुझमें फ़ना
हादसों से गुज़र जाऊँ तो फिर जाऊँगा मैं सँवर
यही तो है मेरी सहर

तू जो है तो रोशनी है, तुझसे ही तो रोशन है घर
तूने ही मेरे लिए तो जन्नत के खोले हैं दर
होने की मेरे तुझी से दुनिया में पहुँची ख़बर
तू जो साथ है तो फिर मुझको ना किसी का है कोई डर
यही तो है मेरी सहर

तेरी क़स्में मैंने खाईं, ये है मेरी दास्ताँ
तुझको ही ज़मीं बनाई और तुझी को आसमाँ
मेरी क़िस्मत में लिखा है फ़िक्र तेरी-मेरी वफ़ा
मैं ख़ुद ही नहीं हूँ ख़ुद में मुझमें तू है इस क़दर
हाँ, यही तो है मेरी सहर



Credits
Writer(s): Ashutosh Phatak, Ankur Tewari, Rajat Sharma, Neeraj Patil
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