Aise Dhale Raat Re

ओ, पिया
ओ, पिया
पिया रे

ऐसे ढले रात रे, जैसे जले याद रे
आके मिल, आजा साथी रे (आके मिल, आजा साथी रे)
सहमें चिराग़ हैं, दबी-दबी आग है
संदेसा ले जा पाखी रे (संदेसा लेजा पाखी रे)

मेरे घर जा रे, पहली सी सुबह
एक उम्मीद नई लाके मुझे दे-दे पाखी रे
उड़-उड़ जा रे पाखी रे

जिया पल-पल, जिया जल-जल
बुझ ही जाए ना पिया बिना
धुआँ दिल है, धुआँ है यहाँ
सूनी, सूनी, सूनी है फ़िज़ा

पाखी रे, ओ, पाखी रे
उड़-उड़ जा रे, दे संदेसा

जिया नहीं लागे कहीं
नींद है ना चैन भी
जिए जाना ये जिए बिना

खाली नैनों में सपनों की धूल
धूल में दिल ले जा पाखी रे
है बचा-कुचा एक आँसू मेरा
अखियों में लेके जा

संग तेरे सारे रंग मेरे भेजूँ और कुछ आँहें मेरी
साँसों में तू ले जा पाखी रे, पंख मेरे ले जा पाखी रे

जिया पल-पल, जिया जल-जल
बुझ ही जाए ना पिया बिना
धुआँ दिल है, धुआँ है यहाँ
सूनी, सूनी, सूनी है फ़िज़ा



Credits
Writer(s): Vishal Chandrashekhar, Vaibhav Pralhad Joshi
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