Andhari Si

अंधेरी-सी मालूम होती है ये दुनिया
बगल में मेरे कितने आफ़ताब रहते है

लगता है हुआ है इश्क़ उन्हें भी
उड़े से उनके होश-ओ-हवास रहते है

नज़र आ रहे हो ज़रा बेचैन से जनाब
लगता है आंखों में तुम्हारी ख़्वाब रहते है

करना दोस्ती संभल कर किसी से
यहाँ लहज़े के पीछे कई राज़ रहते है

भीड़ बहुत है इस ज़माने में "कातिब"
पर कुछ एक ही यहाँ हमराज़ रहते है

ना कर देर अब घर लौट जाने में
शख्स कई तेरे इंतज़ार में रहते है
शख्स कई तेरे इंतज़ार में रहते है



Credits
Writer(s): Deborah Larson, Rohit 'katib'
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link