Numaish

तुम्हारा और मेरा होना यहाँ इत्तेफाकन तो नहीं
तुम से मेरा कुछ राब्ता तो है
इस शाम की ख़ूबसूरती की वजह तो है
हैं शामिल दो जहाँ मिल कर होने लगे हैं ज़रीन
चमकते सितारों ने इक अनोखी पहेली बुनी
इस रात की जादूगरी की भी वजह तो है
आज सारा जहाँ नुमाइश हमारी कर रहा है
इस पल की दास्ताँ में हकीकत हमारी बयाँ कर रहा है
कह दो न दिल में तुम्हारे छिपा जो है
आज सारा जहाँ नुमाइश हमारी कर रहा है
इस पल की दास्ताँ में हकीकत हमारी बयाँ कर रहा है

फ़िज़ाएँ बह रही हैं, शोर गुम होने लगे
अधूरी सी ग़ज़ल ये आज पूरी क्यूँ लगे
इस साज़ की कारीगरी की भी वजह तो है
आज सारा जहाँ नुमाइश हमारी कर रहा है
इस पल की दास्ताँ में हकीकत हमारी बयाँ कर रहा है
कह जो दिया तुमने अभी वो तो खुदा सा है
आज सारा जहाँ नुमाइश हमारी कर रहा है
इस पल की दास्ताँ में हकीकत हमारी कर रहा है



Credits
Writer(s): Ashish, Mohit
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