Sun Maahi

है मौसमों की अदाओं में तू
बहता है भीगी हवाओं में तू
दिन-भर चले है ख़यालों में तू, सुन, माही (सुन, माही)

है गुनगुनी सी सुबहों में तू
ख़ामोशियों में, सदाओं में तू
फ़ैला है चारों दिशाओं में तू, सुन, माही (सुन, माही)

ख़्वाबों के किनारे मैं भी आऊँ, तू भी आ रे
जी ले ज़िंदगी ज़रा सी, थोड़े लम्हे गुज़ारें
ना हों दुनिया की बातें, हम दोनों और ये तारे
मैंने ढूँढा है सारा जहाँ, तेरे जैसा कोई कहाँ रे

ख़्वाबों के किनारे मैं भी आऊँ, तू भी आ रे
जी ले ज़िंदगी ज़रा सी, थोड़े लम्हे गुज़ारें
ना हों दुनिया की बातें, हम दोनों और ये तारे
मैंने ढूँढा है सारा जहाँ, तेरे जैसा कोई कहाँ रे

(सुन, माही)
(सुन, माही)
(सुन, माही)
(सुन, माही)

जीना जिसे चाहता हूँ, हाँ, तू वहीं ज़िंदगी है
कहने का मतलब तो यूँ है
मेरे पास हर ख़ुशी है, बस तू आजा, एक तेरी कमी है

ख़्वाबों के किनारे मैं भी आऊँ, तू भी आ रे
जी ले ज़िंदगी ज़रा सी, थोड़े लम्हे गुज़ारें
ना हों दुनिया की बातें, हम दोनों और ये तारे
मैंने ढूँढा है सारा जहाँ, तेरे जैसा कोई कहाँ रे

ख़्वाबों के किनारे मैं भी आऊँ, तू भी आ रे
जी ले ज़िंदगी ज़रा सी, थोड़े लम्हे गुज़ारें
ना हों दुनिया की बातें, हम दोनों और ये तारे
मैंने ढूँढा है सारा जहाँ, तेरे जैसा कोई कहाँ रे

(ख़्वाबों के किनारे मैं भी आऊँ, तू भी आ रे)
(जी ले ज़िंदगी ज़रा सी, थोड़े लम्हे गुज़ारें)
(ना हों दुनिया की बातें, हम दोनों और ये तारे)
मैंने ढूँढा है सारा जहाँ, तेरे जैसा कोई कहाँ रे

(सुन, माही)



Credits
Writer(s): Amaal Mallik, Natania Lalwani, Armaan Malik
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