Nirvana Shatakam

मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोशः
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भावः
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न ज्ञयाः
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जनमः
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

अहं निर्विकल्पो निराकार रूपो विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोशः
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भावः
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न ज्ञयाः
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जनमः
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

अहं निर्विकल्पो निराकार रूपो विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोशः
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भावः
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न ज्ञयाः
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जनमः
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

अहं निर्विकल्पो निराकार रूपो विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्
...चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्



Credits
Writer(s): Sounds Of Isha
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