Manzoor-e-Khuda (From "Thugs Of Hindostan")

बाबा, लौटा दे मोहे गुड़िया मोरी
अंगना का झूलना भी
इमली की डार वाली मुनिया मोरी
चाँदी का पैंजना भी

एक हाथ में चिंगारियाँ
एक हाथ में साज़ है
हँसने की है आदत हमें
हर ग़म पे भी नाज़ है

आज अपने तमाशे पे महफ़िल को करके रहेंगे फ़िदा
जब तलक ना करें, जिस्म से जान होगी नहीं ये जुदा

मंज़ूर-ए-ख़ुदा, मंज़ूर-ए-ख़ुदा
अंजाम होगा हमारा, जो है मंज़ूर-ए-ख़ुदा
मंज़ूर-ए-ख़ुदा (मंज़ूर-ए-ख़ुदा)
मंज़ूर-ए-ख़ुदा (मंज़ूर-ए-ख़ुदा)
टूटे सितारों से रोशन हुआ है नूर-ए-ख़ुदा

हो, चार दिन की ग़ुलामी जिस्म की है सलामी
रूह तो मुद्दतों से आज़ाद है
हो, हम नहीं हैं यहाँ के, रहने वाले जहाँ के
वो शहर आसमाँ में आबाद है

हाँ, खिलते ही उजड़ना है, मिलते ही बिछड़ना है
अपनी तो कहानी है ये
काग़ज़ के शिकारे में दरिया से गुज़रना है
ऐसी ज़िंदगानी है ये

ज़िंदगानी का हम पे जो है क़र्ज़, करके रहेंगे अदा
जब तलक ना करें, जिस्म से जान होगी नहीं ये जुदा

(मंज़ूर-ए-ख़ुदा) मंज़ूर-ए-ख़ुदा
(मंज़ूर-ए-ख़ुदा) मंज़ूर-ए-ख़ुदा
अंजाम होगा हमारा, जो है मंज़ूर-ए-ख़ुदा
मंज़ूर-ए-ख़ुदा (मंज़ूर-ए-ख़ुदा)
मंज़ूर-ए-ख़ुदा (मंज़ूर-ए-ख़ुदा)
टूटे सितारों से रोशन हुआ है नूर-ए-ख़ुदा

बाबा, लौटा दे मोहे गुड़िया मोरी
अंगना का झूलना भी
इमली की डार वाली मुनिया मोरी
चाँदी का पैंजना भी



Credits
Writer(s): Atul Gogavale, Ajay Gogavale, Amitabh Bhattacharya
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