Vande Mataram (The Fighter Anthem) From ["Fighter"]

ख़्वाब नहीं, एक जश्न है भारत
रग-रग में है जीत की आदत
ऐसा हुनर दुश्मन भी सलामी दे

तू सूरज, हम तेरे उजाले
तुझ से जुदा नहीं होने वाले
आख़िर तक हम सफ़र पे होंगे कि

जय-हिन्द जो नस-नस में है
हर बाज़ी फिर बस में है
ज़िद ठान के हिंदुस्ताँ बोले

सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्
सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्

ना ही ज़मीं, ना आसमानों में
ना ही मुमकिन है दो जहानो में
जज़्बे, इरादे और ये जुनूँ
बनते हैं दिल के कारख़ानो में

पहुँच गए अंबर से आगे
धरती से फिर भी बँधे हैं धागे
रहते वतन की मिट्टी से जुड़के

जय-हिन्द जो नस-नस में है
हर बाज़ी फिर बस में है
ज़िद ठान के हिंदुस्ताँ बोले

सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्
सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्



Credits
Writer(s): Shekhar Hasmukh Ravjiani, Vishal Dadlani, Rakesh Kumar Pal
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