Dheeme Dheeme

धीमे-धीमे चले पुरवैया
बोले, "थाम तू मेरी बैयाँ"
संग चल मेरे, रोके क्यूँ जिया
हो, धीमे-धीमे चले पुरवैया

रुत ये अनोखी सी आई, सजनिया
बादल की डोली में लो बैठी रे बुँदनिया
धरती से मिलने को निकली सावनिया
सागर में घुलने को चली देखो नदिया

धीमे-धीमे चले पुरवैया
बोले, "थाम तू मेरी बैयाँ"
संग चल मेरे, रोके क्यूँ जिया
हो, धीमे-धीमे चले पुरवैया

नया सफ़र है, एक नया हौसला
बाँधा चिड़ियों ने नया घोंसला
नई आशा का दीपक जला
चला सपनों का नया क़ाफ़िला

कल को करके सलाम
आँचल हवाओं का थाम
देखो उड़ी एक धानी चुनरिया, हो

धीमे-धीमे चले पुरवैया
हो, बोले, "थाम तू मेरी बैयाँ"
संग चल मेरे, रोके क्यूँ जिया
हो, धीमे-धीमे चले पुरवैया



Credits
Writer(s): Swanand Kirkire, Shantanu Moitra
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