Farq Hai

बेहतर बातें करने और बेहतर होने में फ़र्क़ है
ज़र की सिर्फ़ चमक रखने और ज़र होने में फ़र्क़ है
बेहतर बातें करने और बेहतर होने में फ़र्क़ है
ज़र की सिर्फ़ चमक रखने और ज़र होने में फ़र्क़ है

यूँ तो आलीशान इमारत में भी सोते रहते हैं
यूँ... यूँ तो आलीशान इमारत में भी सोते रहते हैं
दौलतमंद-अमीर बात ये सब आख़िर में कहते हैं
कि उम्दा कमरे हर एक शख़्स किराए पर ले सकता है
उम्दा कमरे हर एक शख़्स किराए पर ले सकता है
चार-दीवारी होने में और घर होने में फ़र्क़ है
बेहतर बातें करने और बेहतर होने में फ़र्क़ है
ज़र की सिर्फ़ चमक रखने और ज़र होने में फ़र्क़ है

कुछ लोगों ने जिए हैं और कुछ ने सिर्फ़ गुज़ारे हैं
कुछ लोगों ने जिए हैं और कुछ ने सिर्फ़ गुज़ारे हैं
ज़िंदगानियाँ जीने की जानिब ये फ़क़त इशारे हैं
कुछ लोगों ने जिए हैं और कुछ ने सिर्फ़ गुज़ारे हैं
ज़िंदगानियाँ जीने की जानिब ये फ़क़त इशारे हैं
जाना चाहे एक ही मंज़िल पर होता है सब ने, पर
सफ़र ख़त्म होने और सफ़र के सर होने में फ़र्क़ है
बेहतर बातें करने और बेहतर होने में फ़र्क़ है
ज़र की सिर्फ़ चमक रखने और ज़र होने में फ़र्क़ है

ये तो एक फ़ितरत है जिसमें कुल मख़्लूक़ है माहिर भी
ये तो एक फ़ितरत है जिसमें कुल मख़्लूक़ है माहिर भी
ये तो एक हिफ़ाज़त है जो लाज़िम भी है, ज़ाहिर भी

ये तो एक फ़ितरत है जिसमें कुल मख़्लूक़ है माहिर भी
ये तो एक हिफ़ाज़त है जो लाज़िम भी है, ज़ाहिर भी
दो चीज़ों के इख़्तिलाफ़ को समझ के चलिएगा क्योंकि
चौकस होने और किसी का डर होने में फ़र्क़ है
बेहतर बातें करने और बेहतर होने में फ़र्क़ है
ज़र की सिर्फ़ चमक रखने और ज़र होने में फ़र्क़ है

जैसे तुम कुछ वक़्त के लिए दिली सजावट बनते हो
चौखट ही बन जाओ, क्यूँ सरताज रुकावट बनते हो?

जैसे तुम कुछ वक़्त के लिए दिली सजावट बनते हो
चौखट ही बन जाओ, क्यूँ सरताज रुकावट बनते हो?
जिस पे ताला लगने की गुंजाइश नहीं है बिल्कुल भी
दरवाज़ा होने में और एक दर होने में फ़र्क़ है
बेहतर बातें करने और बेहतर होने में फ़र्क़ है
ज़र की सिर्फ़ चमक रखने और ज़र होने में फ़र्क़ है



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