Dekhte Dekhte

देखते-देखते हम कहाँ खो गए
जान-ए-मन, इश्क़ में क्या से क्या हो गए
देखते-देखते हम कहाँ खो गए
जान-ए-मन, इश्क़ में क्या से क्या हो गए
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
मंज़िलें थीं यहाँ, रास्ते खो गए

देखते-देखते हम कहाँ खो गए
जान-ए-मन, इश्क़ में क्या से क्या हो गए
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
मंज़िलें थीं यहाँ, रास्ते खो गए
देखते-देखते हम कहाँ खो गए

हो, ठंडी-ठंडी हवाओं में कोई
हो, गर्म शोला पिरोने लगा है
प्यार की बर्फ़ से
जिस्म-ओ-जाँ को भिगोने लगा है

दो दिलों के एहसास का
ये तो मौसम है प्यास का

सोचते-सोचते हम कहाँ खो गए
जान-ए-मन, इश्क़ में क्या से क्या हो गए
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
मंज़िलें थीं यहाँ, रास्ते खो गए
देखते-देखते हम कहाँ खो गए

हो, तुमने चाहा हमें, जान-ए-जानाँ
ये तो दीवानगी का सिला है
लग रहा क्यूँ हमें
आज हमको ज़माना मिला है?

ऐसी बातें करते रहो
यूँ ही हम पे मरते रहो

हमसफ़र, हमसफ़र, हम कहाँ खो गए?
जान-ए-मन, इश्क़ में क्या से क्या हो गए
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
चाहतों के सफ़र में पता ना चला
मंज़िलें थीं यहाँ, रास्ते खो गए

(देखते-देखते हम कहाँ खो गए)
(जान-ए-मन, इश्क़ में क्या से क्या हो गए)
(चाहतों के सफ़र में पता ना चला)
(चाहतों के सफ़र में पता ना चला)
(मंज़िलें थीं यहाँ, रास्ते खो गए)
(मंज़िलें थीं यहाँ, रास्ते खो गए)



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Raju Singh
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