Jabse Mere Dil Ko Uff

जब से मेरे दिल को, उफ़, तुझ पे मरना आ गया
सब को चेहरे पढ़ना आ गया
सब को इस शहर में चेहरे पढ़ना आ गया
जब से मेरे दिल को तुझ पे मरना आ गया

तो आ, आ, आ, आ भी जा
ना, ना नज़रें चुरा
ये ज़माना भी देखे ज़रा

जब से मेरे दिल को, उफ़, तुझ पे मरना आ गया
सब को चेहरे पढ़ना आ गया
सब को इस शहर में चेहरे पढ़ना आ गया
जब से मेरे दिल को तुझ पे मरना आ गया

तो आ, आ, आ, आ भी जा
ना, ना नज़रें चुरा
ये ज़माना भी देखे ज़रा
जब से मेरे दिल को, उफ़...

अरे, रे, रे, रे, रे, रे
खुल्लम-खुल्ला मुस्कुरा
ज़ुल्फ़ झटक के आ ज़रा
मैं ही मैं हूँ, और बस तू ही तू

गुप-चुप, गुप-चुप अब नहीं
छुप-छुप-छुप, छुप अब नहीं
छिड़ने दो अब खुलके गुफ़्तगू

ख़्वाबों में मुझको यक़ीं अब करना आ गया
सब को इस शहर में चेहरे पढ़ना आ गया

तो आ, आ, आ, आ भी जा
ना, ना नज़रें चुरा
ये ज़माना भी देखे ज़रा
जब से मेरे दिल को, उफ़...

हो, सीखा हो या तहज़ीब है
अजी, शर्म भी कोई चीज़ है
नज़रें झुकने में है इक अदा

हो, बस यही नख़रे हैं तेरे
होश उड़ाते हैं मेरे
मेरी नहीं है इसमें कुछ ख़ता

प्यार करती हो तो फिर क्यूँ डरना आ गया?
सब को इस शहर में चेहरे पढ़ना आ गया

तो आ, आ, आ, आ भी जा
ना, ना नज़रें चुरा
ये ज़माना भी देखे ज़रा

हाए, जब से मेरे दिल को, उफ़, तुझ पे मरना आ गया
सब को चेहरे पढ़ना आ गया
सब को इस शहर में चेहरे पढ़ना आ गया
जब से मेरे दिल को तुझ पे मरना आ गया

तो आ, आ, आ, आ भी जा
ना, ना नज़रें चुरा
ये ज़माना भी देखे ज़रा

आ, आ, आ, आ भी जा
ना, ना नज़रें चुरा
ये ज़माना भी देखे ज़रा
जब से मेरे, उफ़...



Credits
Writer(s): Prasoon Joshi, Wajid Khan, Sajid Sabir Khan
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