Woh Firaaq (From "Jagjit Singh - The Master & His Magic")

The mesmerizing quality of both his music and personality
Brought the entire world at his feet

जगजीत जी की आवाज़
कल भी सच थी, आज भी सच है
और कल भी सच रहेगी

Someone, somewhere is always listening
To the unforgettable, inimitable Jagjit Singh

वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ?
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ?
वो शब-ओ-रोज़, माह-ओ-साल कहाँ?
वो शब-ओ-रोज़, माह-ओ-साल कहाँ?

फ़ुरसत-ए-कारोबार-ए-शौक़ किसे
फ़ुरसत-ए-कारोबार-ए-शौक़ किसे
ज़ौक़-ए-नज़रे जवाँ कहाँ?
ज़ौक़-ए-नज़रे जवाँ कहाँ?

वो शब-ओ-रोज़, माह-ओ-साल कहाँ?
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ?
वो शब-ओ-रोज़, माह-ओ-साल कहाँ?

थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से

अब वो रानाई-ए-ख़याल कहाँ?
वो शब-ओ-रोज़, माह-ओ-साल कहाँ?



Credits
Writer(s): Dp, Jagjit Singh
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