Mushkil Hai (Male Version)

अरमाँ है हवाओं में उड़ने का मुझे
धरती से, अँबर से जुड़ने का मुझे

मुश्किल है ख़ुद को ख़ुद ही से जुदा करना
मुश्किल है ख़ुद को ख़ुद ही से जुदा करना

सा-नि-पा
पा-नि-सा-गा-रे
ग-नि-पा
गा-नि-सा

मेघों से अरमाँ की बूँदें
मंज़िलें यूँ दस्तक देती हैं
पलकों के पीछे सपने सजा के
ख़्वाहिशें हँसती हैं

सरगम की बूँदों से गूँजेगा जहाँ

मुश्किल है ख़ुद को ख़ुद ही से जुदा करना
मुश्किल है ख़ुद को ख़ुद ही से जुदा करना

I wanna fly and dream
Just wanna be me

उड़ता फिरता मन का परिंदा
छूना चाहे हर वो शाखें
जिसमें सजे हैं ख़ाब के पत्ते
फूल उम्मीदों के

सपनों के रंगों से महकेगा जहाँ

मुश्किल है ख़ुद को ख़ुद ही से जुदा करना
मुश्किल है ख़ुद को ख़ुद ही से जुदा करना



Credits
Writer(s): Priya, Papply Papply, S Thakur, Baldev Prasad
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