Yeh Aur Baat Hai

ये और बात है, हम तुमको याद आ ना सके
ये और बात है, हम तुमको याद आ ना सके
शराब पी के भी लेकिन तुम्हें भुला ना सके
ये और बात है...

हर एक जाम में उभरी है याद माज़ी की
हर एक जाम में उभरी है याद माज़ी की
याद माज़ी की

ये कैसी आग है, पानी जिसे बुझा ना सके
ये कैसी आग है, पानी जिसे बुझा ना सके
ये और बात है...

ग़मों के बोझ ने इतना दबा दिया हमको
ग़मों के बोझ ने इतना दबा दिया हमको
दबा दिया हमको

कि जब मिलीं हमें ख़ुशियाँ तो मुस्कुरा ना सके
कि जब मिलीं हमें ख़ुशियाँ तो मुस्कुरा ना सके
ये और बात है...

ये फ़ासलों की है बस्ती इसीलिए, यारों
ये फ़ासलों की है बस्ती इसीलिए, यारों
इसीलिए, यारों

मैं पास जा सका, वो भी पास आ ना सके
मैं पास जा सका, वो भी पास आ ना सके
ये और बात है...

वो साँप से ख़तरनाक आदमी होगा
वो साँप से ख़तरनाक आदमी होगा
आदमी होगा

जो दिल से दिल तो मिलाए, नज़र मिला ना सके
जो दिल से दिल तो मिलाए, नज़र मिला ना सके
ये और बात है...

सुकूँ दिया है ज़माने को मेरे नग़्मों ने
सुकूँ दिया है ज़माने को मेरे नग़्मों ने
मेरे नग़्मों ने

अजीब बात है, ख़ुद ही को हम हँसा ना सके
अजीब बात है, ख़ुद ही को हम हँसा ना सके
ये और बात है, हम तुमको याद आ ना सके
ये और बात है, हम तुमको याद आ ना सके
शराब पी के भी लेकिन तुम्हें भुला ना सके
ये और बात है...



Credits
Writer(s): Pt.k. Razdan
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