Dhinak Dhinak Dha

ओ मौसी किस्से देनी
ओ किस्से खट्टे मीठे
ओ किस्से मोटे मोटे
ओ किस्से खोटे खोटे
ओये ख़तम ही नहीं होते

सुनो सुनो दुल्हन की और दूल्हे
की कहानी धिनक धिनक था
दूल्हा थोड़ा एंवई था, दुल्हन
थी सायानी धिनक धिनक था
दूर देस से आयी थी वह
रूप की रानी धिनक धिनक था
जल भुन जावे साँस ना नदिया
कुढ़े जतनी धिनक धिनक था
कैसे हुआ मिलान मौसी हमें बता
अरे शादी की रात का किस्सा
हमें सुना बताओ ना मौसी

दुल्हन को क्या सूझी जाने थी
वह दीवानी धिनक धिनक ध
रूत के कुंडी बंद कर बैठी
एक ना मानी धिनक धिनक ध
दूल्हे को कुण्डी ठोक ठोक याद
आ गयी नानी धिनक धिनक ध
अरे सर को खुजाये सोचा
बेचारा ख़तम कहानी
धिनक धिनक ध
ओ मेरी जानेजा ऐसे
सितम ना ध
इतना मुझे बता
मेरी खता हैं क्या
फिर दोस्तों ने दूल्हे को
समझाया क्या समझाया
मीठी मीठी बाते कर सके
झूठे वादे कर गधे
तब मानेगी तेरी रानी
दूल्हा बोला चंदा तारे लौंगा
रानी धिनक धिनक ध
अरे दुल्हन बोली क्यों करती हो
बात पुरानी धिनक धिनक ध
अब्ब दूल्हा बोलै नाम तेरे कर दू
जिन्दगानी धिनक धिनक ध
दुल्हन बोली डूब मरो चुल्लू
भर पानी धिनक धिनक ध
फिर कैसे हुआ मिलान
मौसी हमें बता
अरे शादी की रात
का किस्सा हमें सुना

फिर वह आया मेरे पास
मैंने कहा अरे गधे
तारो का अचार डालेगा
या चार पाँच पापड तळेगा
मैंने उसके कान मे फुका
मंतर दूल्हा पंहुचा
दरवाजे पर और पता हैं
क्या बोला क्या बोलै मौसी
सोना चांदी ले आया हु
ओ मेरी रानी धिनक धिनक ध
दुल्हन बोली आधी ही मई
खोलू चिटकानी धिनक धिनक ध
हीरे मोती भी लाया हु आ
मेरी रानी धिनक धिनक ध
दुल्हन ने फिर झट से खोली
पूरी चिटकानी धिनक धिनक ध
ओ मेरे राजा बोलि जल्दी भीतर
आ ओ मेरे राजा जल्दी भीतर आ
ऐसे ना तरसा ओ मेरे
राजा फिर क्या हुआ मौसी
कुण्डी बंद और बत्ती गुल फिर
बताओ बताओ मौसी बताओ
फिर बताओ

ओ मौसी किस्से देनी
ओ किस्से खट्टे मीठे
ओ किस्से मोटे मोटे
ओ किस्से खोटे खोटे
ओये ख़तम ही नहीं होते



Credits
Writer(s): 0, Shantanu Moitra
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