Rafta Rafta

रफ़्ता-रफ़्ता, हौले-हौले दिल को चुराया तुम ने
दिल को तो पता भी ना चला
चोरी-चोरी, चुपके-चुपके जादू जगाया तुम ने
दिल को तो पता भी ना चला

कभी हाँ, कभी ना हम करते रहे
छुप के आहें भी भरते रहे
देखते-देखते ये क्या हो गया?

रफ़्ता-रफ़्ता, हौले-हौले दिल को चुराया तुम ने
दिल को तो पता भी ना चला

रातों में अब तेरा सपना मुझ को आता है, हाँ
एक अंगड़ाई, एक बेचैनी देके जाता है
तेरी आँखों का मैं दीवाना हूँ
तेरे होंठों का मैं पैमाना हूँ, तू ये जाने ना

रफ़्ता-रफ़्ता, हौले-हौले दिल को चुराया तुम ने
दिल को तो पता भी ना चला

इस पहलू में, इस दामन में मुझ को रहना है
दर्द जुदाई का एक पल भी अब ना सहना है
मेरी यादों में, जान-ए-जाँ, तू है
मेरी साँसों में तेरी खुशबू है, तू है मेरी जाँ

रफ़्ता-रफ़्ता, हौले-हौले दिल को चुराया तुम ने
दिल को तो पता भी ना चला
चोरी-चोरी, चुपके-चुपके जादू जगाया तुम ने
दिल को तो पता भी ना चला

कभी हाँ, कभी ना हम करते रहे
छुप के आहें भी भरते रहे
देखते-देखते ये क्या हो गया?



Credits
Writer(s): Sameer, Vidya Sagar
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