Gham Hai Kyoon

ग़म है क्यूँ? हर ख़ुशी कम है क्यूँ? ये बता
हर घड़ी आँख भी नम है क्यूँ? ये बता
तूने किस जुर्म की पाई ये सज़ा? हो
दर्द से दिल का संगम है क्यूँ? ये बता
तूने किस जुर्म की पाई ये सज़ा? हो

तुझ पे जो सितम हुआ दूसरों का पाप था
इस में दोष है तेरा क्या?
जिस पे ज़ुल्म हो गया उस को ही मिलें सज़ा
किस किताब में है लिखा?

तू क्यूँ ओढ़े सर पर इल्ज़ामों की चादर?
जब कि है तू ही निर्दोष यहाँ, ये बता

ग़म है क्यूँ? हर ख़ुशी कम है क्यूँ? ये बता
हर घड़ी आँख भी नम है क्यूँ? ये बता

नारी जो भी हो सहे, सर झुकाए चुप रहे
ये रवाज है दुनिया का
तू ये रित छोड़ दे, तू ये रस्म तोड़ दे
ये इलाज है दुनिया का

क्यूँ आँसू पीती है? क्यूँ दुख में जीती है?
क्यूँ आँखों में ग़म का है धुआँ? ये बता

ग़म है क्यूँ? हर ख़ुशी कम है क्यूँ? ये बता
हर घड़ी आँख भी नम है क्यूँ? ये बता
तूने किस जुर्म की पाई ये सज़ा? हो



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Darshan Rathod, Sanjeev Rathod
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link