Patthar Pe Likhi Koi

पत्थर पे लिखी कोई प्रेम कहानी बन जाऊँ
पत्थर पे लिखी कोई प्रेम कहानी बन जाऊँ
तुम मुझे इतना प्यार करो...
तुम मुझे इतना प्यार करो कि मैं दीवानी बन जाऊँ

अंबर पे लिखा कोई प्रेम तराना बन जाऊँ
तुम मुझे इतना प्यार करो...
तुम मुझे इतना प्यार करो कि मैं दीवाना बन जाऊँ
पत्थर पे लिखी कोई प्रेम कहानी बन जाऊँ

दिलबर, देखो दिल की नज़र से
चेहरा कोई धड़कनों में बसा है
हो, पढ़ के सुनाओ तुम ये फ़साना
अपना कोई दास्ताँ में छुपा है

सितारे वफ़ा के सदा झिलमिलाएँ
इन्हें ज़िंदगी-भर ना हम भूल पाएँ
अब तो यही है आरज़ू

अरमाँ है तुम्हें जिसका, मैं वो निशानी बन जाऊँ
तुम मुझे इतना प्यार करो...
तुम मुझे इतना प्यार करो कि मैं दीवाना बन जाऊँ
पत्थर पे लिखी कोई प्रेम कहानी बन जाऊँ

करनी है हम को इतनी मोहब्बत
सदियों जिसे ना जहाँ भूल पाए
सब को भुलाया, जग को भुलाया
तेरे सिवा ना कोई याद आए

कहाँ आ गए हैं? कहाँ खो गए हैं?
सभी रंज-ओ-ग़म से जुदा हो गए हैं
सच कहता हूँ, दिलरुबा

तुम जा के जहाँ ठहरो, मैं वो ठिकाना बन जाऊँ
तुम मुझे इतना प्यार करो...
तुम मुझे इतना प्यार करो कि मैं दीवानी बन जाऊँ

अंबर पे लिखा कोई प्रेम तराना बन जाऊँ
तुम मुझे इतना प्यार करो...
तुम मुझे इतना प्यार करो कि मैं दीवाना बन जाऊँ
पत्थर पे लिखी कोई प्रेम कहानी बन जाऊँ



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava
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