Ab Toh Bahaaren Bhi

तुमसे बिछड़ के लगने लगा है
कैसे जीयेंगे तुम बिन हम!
तुमसे बिछड़ के लगने लगा है
कैसे जीयेंगे तुम बिन हम!

अब तो बहारें भी लगती हैं
हमको ख़िज़ाओं का मौसम
तुमसे बिछड़ के लगने लगा है
कैसे जीयेंगे तुम बिन हम!

वो बातें, वो यादें, वो रातें तड़पाती हैं
चाहत की वो कलियाँ साँसों को महकाती है
वो बातें, वो यादें, वो रातें तड़पाती हैं
चाहत की वो कलियाँ साँसों को महकाती है

तन्हा सुबह है, तन्हा शाम है
ना चैन है, ना कहीं आराम है

तुमसे बिछड़ के लगने लगा है
कैसे जीयेंगे तुम बिन हम!
अब तो बहारें भी लगती हैं
हमको ख़िज़ाओं का मौसम

हाल-ए-दिल अब जाके हम किसको बतलायेंगे?
मौत अगर आयेगी, हम हँस के मर जायेंगे
हाल-ए-दिल अब जाके हम किसको बतलायेंगे?
मौत अगर आयेगी, हम हँस के मर जायेंगे

हरसत कोई ना कोई अरमान है
ज़िंदा है लेकिन जिस्म बेजान है

तुमसे बिछड़ के लगने लगा है
कैसे जीयेंगे तुम बिन हम!
अब तो बहारें भी लगती हैं
हमको ख़िज़ाओं का मौसम

तुमसे बिछड़ के लगने लगा है
कैसे जीयेंगे तुम बिन हम!
अब तो बहारें भी लगती हैं
हमको ख़िज़ाओं का मौसम



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Shravan Rathod, Nadeem Saifi
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