Woh Lamhe

वो लम्हें, वो बाते, कोई न जाने
थी कैसी रातें, हो बरसातें
वो भीगी-भीगी यादें
वो भीगी-भीगी यादें

न मैं जानू, न तू जाने
कैसा है ये मौसम
कोई न जाने
कहीं से यह ख़िज़ाँ आई
ग़मों की धूँप संग लाई
खफ़ा हो गए हम
जुदा हो गए हम

वो लम्हें, वो बाते, कोई न जाने
थी कैसी रातें, हो बरसातें
वो भीगी-भीगी यादें
वो भीगी-भीगी यादें

सागर की गहराई से
गहरा है अपना प्यार
सहराओं की इन हवाओं में
कैसे आएगी बहार

कहाँ से ये हवा आई
घटायें काली क्यूँ छाई
खफ़ा हो गए हम
जुदा हो गए हम

वो लम्हें, वो बाते, कोई न जाने
थी कैसी रातें, हो बरसातें
वो भीगी-भीगी यादें
वो भीगी-भीगी यादें



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Naresh Ramprasad Sharma, Mithun Sharma
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