Adhuri Zindagi

दिल अकेला है बड़ा, हाँ
क्यूँ रहूँ मैं तन्हा? हाँ

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

दिल अकेला है बड़ा, हाँ
क्यूँ रहूँ मैं तन्हा? हाँ

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

जब भी कभी फ़लक पे नज़र जो गई
तो सोचा मैंने हर पल यही, तू है ख़ुदाया
मुसलसल यही, चले हैं अरमानों में भी
गुफ़्तगू तूने जो की, दिल को रुलाया

सजदों जब भी तेरा ही नाम लेके ये सर झुकाया
तेरे ही अश्क़ों में मैंने है क्यूँ अपना ही अक़्स पाया!

दिल अकेला है बड़ा, हाँ
क्यूँ रहूँ मैं तन्हा? हाँ

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

अक्सर यहाँ मिला है सभी को ही दग़ा
मगर मुझको है मिली तेरी पनाहें
फ़िरता कहाँ मैं दर-दर तन्हा यहाँ?
जो रहती ना यूँ मेरे संग तेरी दुआएँ

माफ़ी की यादें जलती है साथ, मुश्किल तुझे भुलाना
मुझको ये रात देती है ज़ख़्म, मरहम मुझे लगाना

दिल अकेला है बड़ा, हाँ
क्यूँ रहूँ मैं तन्हा? हाँ

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल

ये इल्तजा है तुझसे मेरी

अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल
अधूरी ज़िंदगी है
तू कर दे मुकम्मल



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Himesh Vipin Reshammiya
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