Gyrah Vachan Diye Sainath Ne

ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

ग्यारह वचन दिए साईं ने, ग्यारह वचन दिए बाबा ने
भक्त जो शिरडी में आएगा, भक्त जो शिरडी में आएगा
आफ़त दूर भगाएगा वो, आफ़त दूर भगाएगा

चढ़े समाधी की सीढ़ी पर, चढ़े समाधी की सीढ़ी पर
पैर तले दुःख की पीढ़ी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी पर
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

ग्यारह वचन दिए साईं ने, ग्यारह वचन दिए बाबा ने
त्याग शरीर चला जाऊंगा, त्याग शरीर चला जाऊंगा
भक्त कहे तो दौड़ा आऊंगा, भक्त कहे तो दौड़ा आऊंगा

मन में रखना दृढ़ विश्वास, मन में रखना दृढ़ विश्वास
करे समाधी पूरी आस, करे समाधी पूरी आस
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

ग्यारह वचन दिए साईं ने, ग्यारह वचन दिए बाबा ने
मुझे सदा जीवित ही जानो, मुझे सदा जीवित ही जानो
अनुभव करो सत्य पहचानो, अनुभव करो सत्य पहचानो

मेरी शरण आखाली जाए, मेरी शरण आखाली जाए
हो तो कोई मुझे बताए, हो तो कोई मुझे बताए
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

ग्यारह वचन दिए साईं ने, ग्यारह वचन दिए बाबा ने
जैसा भाव रहा जिस जन का, जैसा भाव रहा जिस जन का
वैसा रूप हुआ मेरे मन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का

भार तुम्हारा मुझ पर होगा, भार तुम्हारा मुझ पर होगा
वचन ना मेरा झूठा होगा, वचन ना मेरा झूठा होगा
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

ग्यारह वचन दिए बाबा ने, ग्यारह वचन मेरे साईं के
आज सहायता लो भरपूर, आज सहायता लो भरपूर
जो माँगा वो नहीं है दूर, जो माँगा वो नहीं है दूर

मुझमें लीन वचन मन काया, मुझमें लीन वचन मन काया
उसका ऋण ना कभी चुकाया, उसका ऋण ना कभी चुकाया
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

ग्यारह वचन दिए साईं ने, ग्यारह वचन दिए बाबा ने
धन्य-धन्य वो भक्त अनंत, धन्य-धन्य वो भक्त अनंत
मेरी शरण का जिसे ना अन्न, मेरी शरण का जिसे ना अन्न

जो भक्त शिरडी में आएगा, जो भक्त शिरडी में आएगा
वो आफ़त दूर भगाएगा, आफ़त दूर भगाएगा
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)

(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)
(ॐ साईं, श्री साईं, जय-जय साईं)



Credits
Writer(s): Kishore Kumar, Vishesh
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