Raag Bhairavi - Sumiran Kar Le Mere Mana

सुमिरन कर ले मेरे मना, तेरी बीती जाती उमर हरी नाम बिना ||

कूप नीर बिन धेनु क्षीर बिन धरती मेघ बिना |
जैसे तरुवर फल बिन हीना तैसे प्राणी हरी नाम बिना ||

देह नैन बिन रैन चन्द्र बिन मंदिर दीप बिना |
जैसे पंडित वेद बिना, तैसे प्राणी हरी नाम बिना ||

काम क्रोध मद लोभ निवारो छाड़ दे अब संत जना |
कहे नानक शाह सुन भगवंता या जग में नहीं कोई अपना ||



Credits
Writer(s): Pandit Jasraj, Classical Classical
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