Sifar - 1

Gunah

मैं झूठा ही सही
झूठे हैं सभी
सोचो अगर

मैं अपना भी नहीं
तेरा था कभी
ओ बेखबर

मैं ऐसे मोड़ पर
लाया हूँ तुझे

तेरे बीते दिन की यादें
अब हैं फिर यहाँ
तेरे आसुओं की वजह
हैं मेरे गुनाह

मैं बुजदिल ही सही
बुजदिल हैं सभी
सोचो अगर

मैं शायद खो जाऊँगा
दुनिया की भीड़ में
ओ हमसफ़र

मैं ऐसे मोड़ पर
लाया हूँ तुझे

तेरे बीते दिन की यादें
अब हैं फिर यहाँ
तेरे आसुओं की वजह
हैं मेरे गुनाह



Credits
Writer(s): Amit Yadav
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