Raat Sakhi Sapne Mein Aaye

रात सखी सपने में आये नंदलाल,
और थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल,

लाज की है बात हाथ गात सो लगात,
खेंच फ़रिया मोरी बारी सी उमरिया थरा थरा गयी,
तान के बजाई बैन नैन सो मिलाये नैन,
मुख सो कछु कहूँ कछु निक से हरबरा गयी,
मै तो बहुत बरजी पर मान्यो ना गोपाल,
हाँ थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल

पंथ को निवास आस पास थास नन्द सांस,
नींद में रही मै रात बात श्याम मान जा,
चीर भयो चीर मन अधीर नहीं भरे धीर,
बात है गंभीर मत सता ए श्याम मान जा,
श्याम तेरी प्रीत बनी जान को जंजाल,
हाँ थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल,

रंग भदरंग नहीं सखी को संग,
कियो खूब मोहे तंग आज मै तो घबरा गयी,
भोर मचो शोर मिले बोल रहे मोर जोर जोर,
सब ओर देख मै तो लाज शरमा गयी,
लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल,
और लालहिं देखन मै चली मै भी हो गयी लाल,
भेद सब बताने लगी अंखिया लाल लाल,
हाँ थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल,

रात सखी सपने में आये नंदलाल
और थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल...



Credits
Writer(s): Shradheya Gaurav Krishan Goswami Ji, Traditional
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