Wo Dil Nawaz Hai

वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं
वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं
मिरा इलाज मिरे चारा-गर के पास नहीं
वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं

गुज़र रहे हैं अजब मरहलों से दीदा-ओ-दिल
गुज़र रहे हैं अजब मरहलों से दीदा-ओ-दिल
सहर की आस तो है ज़िंदगी की आस नहीं
वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं

कभी-कभी जो तिरे क़ुर्ब में गुज़ारे थे
कभी-कभी जो तिरे क़ुर्ब में गुज़ारे थे
अब उन दिनों का तसव्वुर भी मेरे पास नहीं
वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं

मुझे ये डर है तिरी आरज़ू न मिट जाए
मुझे ये डर है तिरी आरज़ू न मिट जाए
कईं दिनों से तबीअत मिरी उदास नहीं
वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं
मिरा इलाज मिरे चारा-गर के पास नहीं
वो दिल-नवाज़ हैं लेकिन नज़र-शनास नहीं



Credits
Writer(s): Nasir Kazmi
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