Shyam Ji Vipda Kyun Satati

श्याम जी विपदा क्यू सताती है
श्याम जी विपदा क्यू सताती है
मुश्किलों में जान, मुश्किलों में जान,
मुश्किलों में जान जाती है
1• कोई ना जिनका वो किसको सुनाये
हालात अपने वो किसको दिखाये
हर खुशी दर से लौट जाती है
मुश्किलों में जान जाती है
2•हर अगले कदम पर है गम के मारे
कोई ना उनका है बेसहारे
गर्दीशी उनको मुँह चढ़ाती है
मुश्किलों में जान जाती है
3•जिनको नही है तेरा सहारा
किनारे पे बैठा डूबा बेचारा
जिंदगी हार मान जाती है
मुश्किलों में जान जाती है
4•जितनी बड़ी हो विपदा की घड़ियां
आशा की बाबा टूटे ना कडियां
ये आस ही बाजी हर जिताती है
तुझसे ये श्याम, तुझसे ये श्याम, तुझसे ये श्याम मिलाती है
मुश्किलों में जान मुश्किलों में जान मुश्किलों में जान जाती है
श्याम जी विपदा क्यू सताती है
मुश्किलों में जान जाती है



Credits
Writer(s): Sanjay Mittal, Traditional
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