Shyam Mane Chakar

श्याम मने चाकर राखो जी
श्याम मने चाकर राखो जी
चाकर रहसूं बाग लगा, नित उठ दरसण पासू। वृन्दावन की
कुंज गलिन में तेरी लीला गाना॥
श्याम मने चाकर राखो जी
चाकरी में दरसण पाउ, सुमिरण पाऊँ खरची।
भाव भगति जागीरी पाऊ तीनू बाता सरसी।।
श्याम मने चाकर राखो जी
मोर मुकुट पीतांबर सोहै, गल बैजंती माला।
वृन्दावन में धेनु चरावे मोहन मुरली वाला॥
मीरा के प्रभु गहिर गंभीरा, सदा रहो जी धीरा।
आधी रात प्रभु दरसन दीन्ही,
आधी रात प्रभु दरसन दीन्हें, प्रेमनदी के तीरा।। श्याम मने चाकर राखो जी
चाकर रहसूं बाग लगासूं, नित उठ दरसण पासू। वृन्दावन की कुंज
गलिन में तेरी लीला गाना।
श्याम मने चाकर राखी जी
श्याम मने चाकर राखो जी
श्याम मने चाकर राखी जी
श्याम मने चाकर राखो जी



Credits
Writer(s): Meerabai, Ravi Shankar
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