Raqeeb-E-Jaa'n

वफ़ा करने से वो मजबूर हो जाये तो क्या कीजे!
मोहब्बत रूह का नासूर हो जाये तो क्या कीजे!!
रखी बेजान नजर का नूर... हो जाये तो क्या कीजे
रखी बेजान नजर का नूर... हो जाये तो क्या कीजे
जियां दिल को अगर मंजूर हो जाये तो क्या कीजे...
रखी बेजान नजर का नूर... हो जाये तो क्या कीजे।।
वही चर्चे वही किस्से मिली रुस्वाइयां हमको...
वही चर्चे वही किस्से मिली रुस्वाइयां हमको...
उन्ही किस्सों से वो मसहूर हो जाये तो क्या कीजे
उन्ही किस्सों से वो मसहूर हो जाये तो क्या कीजे
खुदा को इतना चाहूँ तो खुदा हो जायेगा राज़ी
खुदा को इतना चाहूँ तो खुदा हो जायेगा राज़ी
मगर वो और भी मगरूर हो जाये तो क्या कीजे
मगर वो और भी मगरूर हो जाये तो क्या कीजे
उसे तो खुसबुओ का रहनुमा होना नया असर था
उसे तो खुसबुओ का रहनुमा होना नया असर था
वो अपनी जात में मेंहसूर हो जाये तो क्या कीजै
वो अपनी जात में मेंहसूर हो जाये तो क्या कीजै
जियां दिल को अगर मंजूर हो जाये तो क्या कीजै
रखी बेजान नजर का नूर हो जाये तो क्या कीजै।।



Credits
Writer(s): Ameeta Parsuram
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