Foolishq

फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ टेढ़ा-मेढ़ा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ टेढ़ा-मेढ़ा

दिल जिसपे आना ना हो उसपे ही आता है क्यूँ?
जिस तरफ़ा जाना ना हो उस तरफ़ा जाता है क्यूँ?
जाता है क्यूँ?

फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ टेढ़ा-मेढ़ा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ कुछ-कुछ मेरा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ ज़्यादा तेरा

सनसनियाँ तन-मन में
गड़बड़ियाँ धड़कन में करता है, क्यूँ करता है?
पर इसकी सोहबत में रहने को
फिर भी दिल करता है, क्यूँ करता है?

फूलिश्क़ थोड़ा है ये माना (है ये माना)
फूलिश्क़ का ही है ज़माना
दिल को अच्छा लगता है तो
आँखें इससे क्यूँ चुराना?

क़िस्मत वालों को मिलता है ये नज़राना

फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
अच्छा ही है टेढ़ा-मेढ़ा

फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ टेढ़ा-मेढ़ा

होंठों पे और कुछ है पर दिल में और कुछ है
दोनों में इक तो सच है
दिल सच्चा होगा तो सच वो ही बोलेगा
फिर कैसी ये मच-मच है?

फ़ूलिश्क़ दिल की नादानी है
दिल की आदत बचकानी है
फ़ूलिश्क़ से ही डरता है ये
फिर भी फूलिश्क़ करता है ये

भुलाके भी भुलाया तो ये जाए ना

फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ टेढ़ा-मेढ़ा
फ़ूलिश्क़, फ़ूलिश्क़ तेरा-मेरा
अच्छा ही है टेढ़ा-मेढ़ा



Credits
Writer(s): Ilaiya Raaja, Amitabh Bhattacharya
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