Purwaiyaa

चाँद आसमां से उतार लिया
बादलों का चेहरा बिगाड़ दिया
कितना कल गुज़ारा नहीं आया मित्रा
नहीं आया

जालसाज़ है तू ये जान लिए
रूप तेरा खोटा पहचान लिया
पगला बन पुकारा नहीं आया मित्रा
नहीं आया

हो-हो-हो निर्दइया रे हाए
बिन तेरे हाए
कसम से हूँ मैं तनहा
संदेशा ये हाए
ले जा रे हाए
उनके बिना
न भाए जी ना
सुन मेरी ये ख़बर लेती जा उधर पिया के डगर जा
पुरवईया रे
पुरवईया रे
पुरवईया रे
जा उत्तर जा, दक्षिण जा, पश्चिम को जा रे
पुरवईया रे
जा उत्तर जा, दक्षिण जा, पश्चिम को जा

सूना मन, सूना, सूना पड़ा
जगा गया वो देखो ना रतिया मेरी
मन सूना, सूना पड़ा
बिना तेरे हँसे ना दिन मेरे

सुन ज़रा – काँच का जिया मेरा
टूटे ना (टूटे ना)

निर्दइया रे हाए
बिन तेरे हाए
कसम से हूँ मैं तनहा
संदेशा ये हाए
ले जा रे हाए
उनके बिना
न भाए जी ना
सुन मेरी ये ख़बर लेती जा उधर पिया के डगर जा
पुरवईया रे
पुरवईया रे
पुरवईया रे
जा उत्तर जा, दक्षिण जा, पश्चिम को जा रे
पुरवईया रे
जा उत्तर जा, दक्षिण जा, पश्चिम को जा



Credits
Writer(s): Manoj Yadav, Gulraj Singh
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