Ek Din

एक दिन और ज़िंदगी को मिला
एक दिन और ज़िंदगी ने जिया
एक दिन और ज़िंदगी को मिला
एक दिन और ज़िंदगी ने जिया

एक दिन पूछता था रातों को
एक दिन और मिला था बातों को
एक दिन कोशिशों में उलझी साँस
एक दिन मंज़िलों की थी कुछ आस

एक दिन और ज़िंदगी को मिला
एक दिन और ज़िंदगी ने जिया

एक दिन तुम हमारे अपने थे
एक दिन बस अधूरे सपने थे
एक दिन तुम थे मेरी बाँहों में
एक दिन खो गए थे राहों में

एक दिन ये ज़मीं थी चाँदी सी
एक दिन ज़िंदगी थी आँधी सी
एक दिन ये ज़मीं थी चाँदी सी
एक दिन ज़िंदगी थी आँधी सी

एक दिन मेरे घर में मेला था
एक दिन बस खड़ा अकेला था
एक दिन की ही सब कहानी है
एक दिन की ये ज़िंदगानी है

ये भी दिन बस सरक के चल देगा
ये भी दिन बस सरक के चल देगा
ना जाने कहाँ, ना जाने कहाँ, ना जाने कहाँ



Credits
Writer(s): Kavita Seth, Jagdish Prakash Ji
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