Salamat

चाहे मैं रहूँ, जहाँ में चाहे तू ना रहे
तेरे-मेरे प्यार की उमर सलामत रहे
चाहे ये ज़मीं, ये आसमाँ रहे-ना-रहे
तेरे-मेरे प्यार की उमर सलामत रहे

डर है तुझे मैं खो ना दूँ
मिले जो खुदा तो बोल दूँ
मैं दो जहाँ का क्या करूँ? तू बता

ओ, तू जो मेरे पास है
मुझको ना कोई प्यास है
मेरी मुक़म्मल हो गई हर दुआ

चाहे मेरे जिस्म में ये जाँ रहे-ना-रहे
तेरे-मेरे प्यार की उमर सलामत रहे

थे टुकड़ों में जी रहे
तुम जो मिले तो जुड़ गए
पंख लगा के उड़ चला मन मेरा

ओ, तुझमें मैं हूँ, मुझमें तू
और हैं साँसें रू-ब-रू
कुछ भी नहीं अब दोनों के दरमियाँ

चाहे उस चाँद में चमक रहे-ना-रहे
तेरे-मेरे प्यार की उमर सलामत रहे
चाहे मैं रहूँ, जहाँ में चाहे तू ना रहे
तेरे-मेरे प्यार की उमर सलामत रहे



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik, Rashmi Singh
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