Tere Aane Se

The amalgamation before the fluctuation
And ramification of the constitutional ambiguity
And the judicial paradoxical position
And be a verbal turmoil
He's right!

मैं तो हूँ पागल
ये कहूँ हर पल

मैं तो हूँ पागल
ये कहूँ हर पल
कर कोई हलचल
होने दे, होने दे
(होने दे, होने दे, होने दे)
कोई दीवानगी

मैं तो हूँ पागल
ये कहूँ हर पल
कर कोई हलचल
होने दे, होने दे
(होने दे, होने दे, होने दे)
कोई दीवानगी

हमाम मियाँ मिसरा-ए-उला की नवा-संजी में मसरूफ़-ओ-मशग़ूल हैं
ता-वक़्ते के दीगर मिस्रा'-ए-सानी के पक्के अरकान की अदाई फ़रमा रहे हैं
आंए, ये क्या ग़ालिब की ग़जल?

रेत में तैरना सीख़ ले
और समंदर के ऊपर टहल
बीन भैंसों के आगे बजा
और हवा में बना ले महल

रेत में तैरना सीख़ ले
और समंदर के ऊपर टहल
बीन भैंसों के आगे बजा
और हवा में बना ले महल

Suit लोहे का सिलवा ले तू
और पैरों पे चश्मा लगा
हाथ में बांध ले वो घड़ी
जिसमें हो साढ़े १३ बजा
आंए?

मैं तो हूँ पागल
ये कहूँ हर पल
कर कोई हलचल
होने दे, होने दे
(होने दे, होने दे, होने दे)
कोई दीवानगी

एक पके माटी के पात्र में दुग्ध, शर्करा
कंदरा उपचित ऊषण पर प्रधान हो
तो काक चेष्टा बकोना ध्यानं, श्वान निद्रा अवश्य प्राप्त हो सकते हैं
नमस्कार
मैंने दुर्दर्शन में सुना है

पेड़ से तोड़ ले तू मछलियाँ
बिल्लियों को तू गाना सीखा
चाँद को कर दे चौकोर तू
और सूरज तिकोना बना

पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ
बिल्लियों को तू गाना सीखा
चाँद को कर दे चौकोर तू
और सूरज तिकोना बना

ओ, बिना पहिये की गाड़ी में चल
भूल जा अपने घर का पता
लेके हाथी को मुट्ठी में तू
कैमरे देख ले ऊँट का, आंए

मैं तो हूँ पागल
ये कहूँ हर पल
कर कोई हलचल
होने दे, होने दे
(होने दे, होने दे, होने दे)
कोई दीवानगी



Credits
Writer(s): Toushif Shaikh, Nitesh Tiwari
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