Thahre Huye Paani Mein (Female Version) - From "Dalaal"

ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरे
मन में हलचल सी मच जाएगी बावरे
हो, ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरे
मन में हलचल सी मच जाएगी बावरे
हो, ठहरे हुए पानी में...

तेरे लिए हूँ मैं अनजानी
मेरे लिए है तू बेगाना

बेगाने ने अनजाने का
दर्द भला कैसे पहचाना?
जो इस दुनिया ने ना जाना

ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरे
मन में हलचल सी मच जाएगी बावरे
हो, ठहरे हुए पानी में...

सब फूलों के हैं दीवाने
काँटों से दिल कौन लगाए?

भोले राही, मैं हूँ काँटा
क्यूँ अपना दामन उलझाए?
रब तुझको काँटों से बचाए

ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरे
मन में हलचल सी मच जाएगी बावरे
हो, ठहरे हुए पानी में...

तुम ही बताओ, कैसे बसेगी
दिल के अरमानों की बस्ती?

हो, ख़्वाब अधूरे रह जाएँगे
मिट जाएगी इन की हस्ती
चलती नहीं है रेत पे कश्ती

ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरे
मन में हलचल सी मच जाएगी बावरे
हो, ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरे
मन में हलचल सी मच जाएगी बावरे
हो, ठहरे हुए पानी में...



Credits
Writer(s): Mehra Prakash, Bappi Lahiri, Maya Govind
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